Paath ka Saransh likhie
पाठ का सारांश लिखिए
Write the Summary of the Lesson
I have shared Paath ka Saransh likhie / पाठ का सारांश लिखिए Lesson Summary in Hindi and English for Madhyama Paper – 1.
पाठ-1 चालीस करोड़ कुर्ते कहाँ से (Chalis karod kurte kahan se)
गाँधीजी विनोद प्रिय थे। वे एक बार एक प्रारंभिक विद्यालय में गये। उन्होंने बालकों से विनोद करना आरंभ किया। बीच में एक बच्चा बोल उठा। गाँधीजी उसके पास जाकर बोले-“तुम क्या कहना चाहते हो?
घबराना मत।”बालक ने कहा -“आप कुरता क्यों नहीं पहनते ?क्या मैं आपके लिए अपनी माँ से एक कुर्ता सिला दूँ?” गाँधीजी ने एक शर्त रखी।
उन्होंने कहा कि मैं अकेला आदमी नहीं हूँ। तुरंत बालक ने पूछा- “आप कितने आदमी हैं?क्या मैं अपनी माँ से दो कुरते सीने को कहूँ?”गांधीजी ने उस बालक को समझाया।उन्होंने कहा कि मेरे 40 करोड़ भाई बंधु हैं और वे सब बिना कुरते के हैं।
यदि तुम्हारी माँ 40 करोड़ कुरते सीकर देगी, तो मैं भी कुरता पहन सकता हूँ। अर्थात गाँधीजी ने उस बालक को समझाया कि भारत देश में कई गरीब भाई बंधु है। उनकी खुशी में वे अपनी खुशी देखते हैं।
Lesson-1 Forty crore shirts from wher
Gandhiji was very humourous. He once attended an elementary school. He began to humor children. A child spoke in the middle. Gandhiji went to him and said – “What do you want to say?
Don’t panic.” The child said – “Why don’t you wear a kurta? Should I sew a kurta from my mother for you?” Gandhiji placed a condition.
He said that I am not the only man. Immediately the boy asked “How many people? Shall I ask my mother to stitch two?” Gandhi explained that child.He said that he has 40 crore brothers and they are all without kurta.
If your mother gives 40 crore kurtas, then I can also wear kurta. That is, Gandhiji explained to the child that there are many poor brothers in India. In their happiness he see his happiness.
पाठ-2 दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (Dakshin Bharat Hindi prachar Sabha)
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा एक राष्ट्रीय महत्व की संस्था है।इसकी शाखाएँ दक्षिण के चारों प्रांतों में- आँध्र व तेलंगाणा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में है।
इन शाखाओं का प्रधान कार्यालय चेन्नई में स्थित है। गाँधीजी ने इस संस्था की स्थापना सन् 1918 में की। वे आजीवन इस संस्था के अध्यक्ष रहे।
भारतीय भाषाओं के माध्यम से हिंदी सीखने के लिए सभा ने कई पुस्तकों का प्रकाशन किया।सभा द्वारा हर साल हज़ारों की संख्या में हिंदी भाषा के कुशल प्रचारक निकल रहे हैं।दक्षिण की चारों प्रांतीय शाखाएं हिंदी की पत्रिकाएँ प्रकाशित कर रही हैं।
केंद्र सभा से हिंदी प्रचार समाचार एवं दक्षिण भारत प्रकाशित हो रही हैं। इनके द्वारा आम जनता लाभाविन्त होती है।
गाँधीजी के रचनात्मक कार्यक्रमों में हिंदी का प्रचार भी एक है। उनके सपनों को सभा साकार बनाती आ रही है।
Lesson-2 South India Hindi Prachar Sabha
South India Hindi Prachar Sabha is an institution of national importance and has branches in all the four southern provinces – Andhra and Telangana, Karnataka, Kerala and Tamil Nadu.
The head office of these branches is located in Chennai. Gandhiji founded the institution in the year 1918. He was the president of this institution throughout his life.
The Sabha has published several books to learn Hindi through Indian languages. Thousands of skilled Hindi language propagators are coming out every year by the Sabha. The four provincial branches of the South are publishing Hindi magazines. Hindi Prachar Sabha and South India are being published. Through this, the general public is vowed.
Promotion of Hindi is also one of the creative programs of Gandhiji. The gathering has been making their dreams come true.
Paath ka Saransh likhie
पाठ-3 बिना जड़ का Bina jad ka ped
एक राज दरबार में एक व्यापारी संदूक के साथ जाता है।वह कहता है कि संदूक के अंदर की चीज़ से वह बिना बीज व पानी के पेड़ उगा सकता है।
दरबार में यह चुनौती भी रखता है कि इस रहस्य को अगर कोई पहचानेंगे तो वह दरबार में नौकरी करने को तैयार रहेगा। दरबार का कोई भी सदस्य इसके लिए तैयार नहीं होता। सभा में उपस्थित गोनूझा उस चुनौती को स्वीकारते हैं।
पर उसका शर्त यह है कि उस व्यापारी को अपनी संदूक के साथ रातभर उसके साथ काटना है।व्यापारी तथा सभासद की मजूँरी से उसका प्रबंध होता है।
रात के समय गोनूझा को अपनी वाक- चातुर्य से पता चलता है कि व्यापारी के द्वारा उगाये जानेवाले पेड़ रात में ही अच्छे लगते हैं और उसमें रंग बिरंगे फूल भी खिलते हैं।
दूसरे दिन दरबार में गोनूझा कुछ आतिशबाजी छोड़ते हैं तो राजा गुस्सा करते हैं।तभी गोनूझा यह कहता है कि कि यही चीज़ व्यापारी के संदूक में छिपी हुई है जो बिना बीज व पानी के पेड़ उगा सकता है।राजा को ये सब मालूम होने पर गोनूझा की प्रशंसा करते हैं और पुरस्कार भी देते हैं।
Lesson-3 Rootless tree
A businessman goes to the court with a chest. He says that the object inside the chest can grow up as tree without water and seed. The court also has a challenge that if anyone recognizes this secret, then he will be ready to do the job.
No member of the court is ready for this. Gonujha present in the meeting accepts the challenge, but his condition is that the businessman be with him with his chest overnight.
He is managed by the approval of the businessman and the councilor. It is said that the trees grown by the merchant look good at night and colorful flowers also bloom in it.
On the second day, Gonujha leaves some fireworks in the court, the king is angry. Then Gonujha says that this is hidden in the chest of a merchant who can grow a tree without seeds and water. When Raja knows this, Gonuja asks. Praise and also award.
पाठ-4 मेरी कहानी अपनी जुबानी Meri kahani apni zubani
हमारे भारत का राष्ट्रीय ध्वज अपना आत्म परिचय देता है। यह तिरंगा है। राष्ट्रीय उत्सवों में जब हम इसे फहराकर गौरव देते हैं तब यह गदगद हो जाता है।
कई परिवर्तनों के बाद ही इसे आज का यह रूप मिला है।झंडे का
ऊपरी भाग केसरिया रंग त्याग और बलिदान का प्रतीक है।
मध्य भाग का सफेद रंग शांति और शुद्धता का द्योतक है।
निचले भाग का हरा रंग विश्वास और समृद्धि का द्योतक है।यह केवल रंगों का प्रतीक मात्र नहीं बल्कि ये भारतीयों के दर्शन एवं भावनाओं का प्रतिबिंब भी है।
राष्ट्रीय ध्वज के प्रयोग के भी कुछ नियम है-
1.सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही उसे फहराया जा सकता है।
2.व्यक्तिगत रूप से यह सजावट की वस्तु के रूप में उसका उपयोग नहीं किया जा सकता।
जब प्लास्टिक की पन्नियों में इसे छापते हैं तब इसका मन दुखी होता है। क्योंकि प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।आखिर झंडे का विश्वास है कि हम विश्व भर में सर्वोच्च शिखर पर भारत का सम्मान बढ़ाते रहेंगे।
Lesson-4 My story My words
The national flag of our India is self explanatory. This is the tricolor flag. In the national festival, when we glorify it , then it becomes elusive.
It has got this form today after many changes. The upper part of the flag is symbol of sacrifice.
The white color in the middle part signifies peace and purity.
The green color in the lower part signifies faith and prosperity. It is not only the appearance of colors but it is also a reflection of the philosophy and feelings of Indians.
The use of the national flag also has some rules –
1. It can be hoisted from sunrise to sunset only.
2. Personally, it cannot be used as an object of decoration.
When it is printed on plastic cover, it is sad. Because plastic hurts the environment. Lastly flag believes that we will continue to honor India at the highest peak around the world.
Paath ka Saransh likhie
पाठ-5 डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ। उनका परिवार बहुत साधारण परिवार था। एक बार स्कूल में उनके अध्यापक शिव सुब्रमण्यम अय्यर पढ़ा रहे थे।
उन्होंने श्यामपट् पर चिड़िया का चित्र बनाया। 45 मिनट तक चिड़िया का पाठ पढ़ाया। तीन बच्चे मात्र समझ नहीं सके। अध्यापक तीनों बच्चों को समुद्र तट पर ले गए।
उन्होंने एक चिड़िया की ओर इशारा करते हुए उन्हें समझाया कि चिड़िया में जीवन होता है।
अब्दुल कलाम को इससे प्रेरणा मिली।शिक्षकों द्वारा स्वप्न में उड़ने की इच्छा को साकार करने का मनोबल उन्हें मिला।
कलाम ने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद इसरो में रॉकेट इंजीनियरिंग का कोर्स किया। वही अपनी कैरियर की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि जीवन में हमें शिखर पर लानेवाले तीन व्यक्ति होते हैं। वे हैं- माता पिता और गुरु। आज डॉक्टर अब्दुल कलाम की गणना विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में की जाती है।
भारत सरकार ने उन को पद्मभूषण पद्मविभूषण और भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान से विभूषित किया।
Lesson-5 Dr APJ Abdul Kalam
Abdul Kalam was born on 15 October 1931 in Rameswaram. His family was a very simple family. Once in school, his teacher Shiva Subramaniam Iyer was teaching.
He painted a bird on the blackboard. Taught the bird lesson for 45 minutes. Only three children could not understand. The teacher took all three children to the beach.
He pointed to a bird and explained to him that the bird has life. Abdul Kalam was inspired by this.He got the morale from the teachers to realize the desire to fly in the dream.
Kalam took a rocket engineering course at ISRO after obtaining his degree in aeronautical engineering. He started his career. He said that there are always three people who help us to achieve heights.
They are parents and gurus. Today, Dr. Abdul Kalam is counted among the best scientists in the world.
The Government of India honored him with the highest honor like Padma Bhushan Padma Vibhushan and Bharat Ratna.
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