Rashtrabhasha Poem Subhakamna
शुभकामना
Hello students I have shared Rashtrabhasha Poem Subhakamna शुभकामना पद्यांश and सारांश in Hindi and English.
अभ्यास
निम्न पद्यांश का भाव स्पष्ट कीजिए:-
- विद्या, कला–कौशल्य हो, आलस्य–अघ का त्याग हो,
सुख और दुख में गूँजता राष्ट्रीयता में गूँजता राष्ट्रीयता का राग हो ।।
कवि परिचय :इस कविता के रचयिता मैथिलीशरण गुप्त हैं। मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि कहते हैं । आपका जन्म झांसी जिले के चिरगाँव में हुआ। आप महात्मा गाँधी के सच्चे अनुयायी थे । भारत सरकार ने आपको संसद सदस्य मनोनीत किया और पद्मभूषण की उपाधि से अलंकृत किया । ‘भारत भारती‘, ‘पंचवटी‘, ‘साकेत‘, ‘यशोधरा‘ आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं । आप सन् 1964 में स्वर्ग सिधारे । इस कविता में कवि भारतवासियों के कल्याण की कामना करते हैं।
Poet Introduction: The author of this poem is Maithilisharan Gupta. Maithilisharan Gupta is called national poet. You were born in Chirgaon of Jhansi district. You were a true follower of Mahatma Gandhi. The Government of India nominated you as a Member of Parliament and honored you with the title of Padma Bhushan. ‘Bharat Bharti’, ‘Panchvati’, ‘Saket’, ‘Yashodhara’ etc. are his famous creations. You went to heaven in 1964. In this poem, the poet wishes for the welfare of the Indians.
भाव : कवि भारतवासियों के कल्याण के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं । कवि कहते हैं कि सबके मन में विद्या, कला एवं विभिन्न विषयों में कुशलता प्राप्त करने की चाह हो; सब लोग आलसीपन को छोड़ दें। वे सुख में रहें या दुख में, उनके मन में सदा देशभक्ति भावना बनी रहे ।
Quote: The poet prays to God for the welfare of the people of India. Poets say that there should be a desire in everyone’s mind to achieve knowledge, art and skill in various subjects; Everyone give up laziness. Be it in happiness or in sorrow, the feeling of patriotism should always remain in his mind.
2. उपलक्ष के पीछे कभी विगलित न जीवन – लक्ष्य हो,
जब तक रहें ये प्राण तन में पुण्य का ही पक्ष हो ।।
कवि परिचय : इस कविता के रचयिता मैथिलीशरण गुप्त हैं। मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि कहते हैं। आपका जन्म झांसी जिले के चिरगांव में हुआ। आप महात्मा गाँधी के सच्चे अनुयायी थे। भारत सरकार ने आपको संसद सदस्य मनोनीत किया और पद्मभूषण की उपाधि से अलंकृत किया । ‘भारत भारती’, ‘पंचवटी’ ‘साकेत’, ‘यशोधरा’ आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं । आप सन् 1964 में स्वर्ग सिधारे। इस कविता में कवि भारतवासियों के कल्याण की कामना करते हैं ।
Poet Introduction: The author of this poem is Maithilisharan Gupta. Maithilisharan Gupta is called national poet. You were born in Chirgaon in Jhansi district. You were a true follower of Mahatma Gandhi. The Government of India nominated you as a Member of Parliament and honored you with the title of Padma Bhushan. ‘Bharat Bharti’, ‘Panchvati’, ‘Saket’, ‘Yashodhara’ etc. are your famous creations. You went to heaven in 1964. In this poem, the poet wishes for the welfare of the Indians.
भाव : कवि भारतवासियों के कल्याण के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं । भारतवासियों का मन हमेशा अपने लक्ष्य की प्राप्ति में लगे रहे, किसी भी हालत में वे अपने लक्ष्य को न छोड़ें। जब तक जीवित रहें तब तक वे पुण्य के पक्ष में ही रहें ।
Quote: The poet prays to God for the welfare of the people of India. The mind of the people of India should always be engaged in achieving their goal, they should not give up their goal under any circumstances. As long as he lives, he should remain in favor of virtue.
Rashtrabhasha Poem Subhakamna Saransh
‘शुभकामना‘ कविता का सारांश लिखिए:-
कवि परिचय : इस कविता के रचयिता मैथिलीशरण गुप्त हैं। मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि कहते हैं । आपका जन्म सन् 1886 में झांसी जिले के चिरगांव में हुआ। आप महात्मा गाँधी के सच्चे अनुयायी थे । भारत सरकार ने आपको संसद का सदस्य मनोनीत किया और पद्मभूषण की उपाधि से अलंकृत किया। ‘भारत भारती‘, ‘पंचवटी‘, ‘साकेत‘, ‘यशोधरा‘ आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। आप सन् 1964 में स्वर्ग सिधारे । इस कविता में कवि भारतवासियों के कल्याण की कामना करते हैं।
Poet Introduction: The author of this poem is Maithilisharan Gupta. Maithilisharan Gupta is called national poet. You were born in 1886 at Chirgaon in Jhansi district. You were a true follower of Mahatma Gandhi. The Government of India nominated you a member of Parliament and decorated you with the title of Padma Bhushan. ‘Bharat Bharti’, ‘Panchvati’, ‘Saket’, ‘Yashodhara’ etc. are your famous creations. You went to heaven in 1964. In this poem, the poet wishes for the welfare of the Indians.
सारांश : इस कविता में कवि भारतवासियों के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं । हे भगवान, दीन बंधु, हमारे देश को आप अपना प्रिय देश बना लीजिए। इस भारत भूमि को आपकी पुण्य भूमि बना दीजिए ।
Synopsis: In this poem the poet prays to God for the people of India. O God, Helper Of The Poor, make our country your favorite country. Make this Bharat Bhoomi your holy land.
आजकल, यहाँ के लोग जड़ के समान अपना जीवन बिता रहे हैं। उनके जीवन में अनेक विघ्न और बाधाएँ हैं। सबको आश्रय देनेवाले प्रभु, आप भारतवासियों को भी आश्रय दीजिए। आपका नाम ‘विघ्नहर ‘ है । तदनुसार कीजिए ।
Nowadays, the people here are living their lives like roots. There are many obstacles and hindrances in his life. Lord, who gives shelter to everyone, you also give shelter to the people of India. Your name is ‘Vighnahar’. Do accordingly.
हे भगवान, सब भारतवासियों की नसों में, उनके पूर्वजों (माँ, बाप, दादा, दादी आदि) के पुण्य रक्त प्रवाहित हो रहा है। सब लोग गुणवान, शीलवान, साहसी, बलवान बन जाएँ; सबमें सबकुछ करने का उत्साह हो । भारतवासी दूसरों की वेदनाओं को समझें और सहायता करें। हे भगवान, हम सब सदा तुम्हारा ध्यान करें और आप हमपर सदा कृपा दृष्टि रखें।
O God, in the veins of all Indians, the virtuous blood of their ancestors (mother, father, grandfather, grandmother etc.) is flowing. May everyone become virtuous, virtuous, courageous, strong; Everyone should have the enthusiasm to do everything. The people of India should understand the sufferings of others and help them. O Lord, may we all always meditate on you and may you always look upon us with kindness.
हमारे भारतवासी, विद्या, कला एवं कौशल्य के प्रति आकर्षित रहें। जो उद्योग वे करते हैं उसमें पूर्ण लगन के साथ रहें; सदा के लिए आलसीपन को दूर कर दें । सब लोग सुख और दुख को एक समान मानें। सबके मन में सदा राष्ट्रीय भावना गूँजती रहे ।
Our Indians, be attracted towards learning, art and skill. be passionate about the industry they do; Remove laziness forever. Everyone should consider happiness and sorrow equally. May the national sentiment always resound in everyone’s mind.
कठिनाइयों में वे अधिक उत्साह के साथ परिश्रम करें। उनका जीवन सरल हो, शरीर शक्तिशाली हो और मन सदा शुद्ध रहे ।
They work hard with more enthusiasm in difficulties. May his life be simple, his body strong and his mind always pure.
किसी भी हालत में, किसी भी स्थान में, अपने देश हो या विदेश सदा सत्य पथ का अनुसरण करें। भगवान की चाह के अनुसार रहने के लिए वे तैयार रहें।
In any situation, in any place, be it in your country or abroad, always follow the path of truth. They should be ready to live according to the will of God.
वे कभी भी अपने लक्ष्य से हट न जाएँ। जब तक जीवित रहें, तब तक पुण्य के पक्ष में रहें । सब लोग सदा अपने कर्तव्य निभाने में लगे रहें । संपत्ति हो या विपत्ति, सुख हो या दुख, वे मन से कमज़ोर न बनें, सदा चुस्त रहें ।
May they never deviate from their goal. As long as you live, be on the side of virtue. Everyone should always be engaged in performing their duties. Whether it is wealth or adversity, happiness or sorrow, they should not become weak in mind, always remain alert.
2 thoughts on “Rashtrabhasha Poem Subhakamna शुभकामना”
Comments are closed.