Bahu Ki Vida Rashtrabhasha
बहु की विदा
Hello students I have shared Bahu Ki Vida Rashtrabhasha बहु की विदा अभ्यास in Hindi and English.
I. ‘बहु की विदा‘ एकांकी का सारांश लिखिए ।
Bahu Ki Vida ekanki ka saransh
‘बहु की विदा‘ एक सामाजिक एकांकी है। यह एकांकी विनोद रस्तोगी का है। उन्होंने इस एकांकी में यह कहा है कि बेटी और बहू में अंतर नहीं होना चाहिए। दोनों को समान रूप से देखना चाहिए। समाज में प्रचलित दहेज प्रथा की कठोरता की ओर उन्होंने हमारा ध्यान आकर्षित किया है।
‘Bahu Ki Vida’ is a social one-act play. This one-act play is of Vinod Rastogi. He says that there should be no difference between daughter and daughter-in-law. Both should be viewed equally. He has drawn our attention towards the harshness of the dowry system prevalent in the society.
प्रमोद अपनी बहन कमला को पहले सावन पर अपने घर ले जाने आता है । लेकिन कमला के ससुर जीवनलाल कमला को नहीं भेजते । वे कहते हैं कि दहेज की रकम पाँच हज़ार बाकी है, उसे देकर कमला को ले जाओ।
Pramod comes to take his sister Kamla to his home on the first day of sawan. But Kamla’s father-in-law Jeevanlal does not send Kamla. They say that the dowry amount is five thousand left, give it and take Kamla.
प्रमोद गिड़गिड़ाता है, फिर भी जीवनलाल राजी नहीं होते । आखिर प्रमोद कमला से कहता है कि वह अपना मकान बेचेगा और पाँच हज़ार रुपये देकर उसको ले जाएगा। इतने में कमला की सास राजेश्वरी आती है। वह प्रमोद को पाँच हज़ार देने तैयार होती है।
Pramod begs, yet Jeevanlal does not agree. At last Pramod tells Kamla that he will sell his house and take her away by giving five thousand rupees. Meanwhile, Kamla’s mother-in-law Rajeshwari comes. She agrees to give five thousand to Pramod.
इसी समय कमला का पति रमेश आता है। वह अपनी बहन गौरी को पहले सावन पर ले आने गया था। लेकिन उसके साथ गौरी नहीं आयी । रमेश कहता है कि दहेज की कमी के कारण उसकी विदाई नहीं हुई ।
At the same time Kamla’s husband Ramesh arrives. He had gone to bring his sister Gauri earlier on sawan. But Gauri did not come with him. Ramesh says that due to lack of dowry, he did not bid farewell.
अब जीवनलाल की आँखें खुलती हैं। उनको मालूम होता है कि बेटी और बहू में भेद नहीं है। वे कमला को प्रमोद के साथ भेजते हैं ।
Now Jeevan Lal’s eyes open. They know that there is no difference between daughter and daughter-in-law. They send Kamla with Pramod.
Bahu Ki Vida Rashtrabhasha notes
II. निम्नलिखित पात्रों का परिचय दीजिए । (Introduce the following characters)
1. जीवनलाल (Jeevan Lal)
जीवनलाल ‘बहु की विदा’ एकांकी का प्रमुख पात्र है। एकांकी की कथा वस्तु का आधार जीवनलाल की धन–लोलुपता ही है। अंत में जीवनलाल के मनःपरिवर्तन द्वारा एकांकी का उद्देश्य पूरा होता है ।
Jeevan Lal is the main character of the one-act play ‘Bahu Ki Vida’. The story is about Jeevan Lal’s greed for money. In the end, the purpose of one-act play is fulfilled by the change of mind of Jeevan Lal.
जीवनलाल रमेश और गौरी के पिता हैं। रमेश की शादी में जीवनलाल बहुत दहेज चाहते थे। कमला के भाई प्रमोद ने दहेज तो दिया है, पर पाँच हज़ार रुपये बाकी रह जाता है। जीवनलाल का लालची मन यह सह नहीं पाता। जब प्रमोद अपनी बहन को पहले सावन पर अपने घर ले जाने आता है, वे साफ़–साफ़ कह देते हैं कि पहले पाँच हज़ार सौंपे जाएँ, उसके बाद कमला की विदाई होगी।
Jeevanlal is the father of Ramesh and Gauri. Jeevanlal wanted a lot of dowry in Ramesh’s marriage. Kamla’s brother Pramod has given dowry, but five thousand rupees remains. Jeevan Lal’s greedy mind could not tolerate this. When Pramod comes to take his sister to his home on the first day of sawan, he clearly says that five thousand should be handed over first, then Kamla will be sent off.
जीवनलाल की भी बेटी है, उसका नाम गौरी है । उसकी भी शादी हो गयी थी, पहले सावन पर जीवनलाल अपनी बेटी के आने की बड़ी प्रतीक्षा में थे ।
Jeevanlal also has a daughter, her name is Gauri. He was also married, on the first day of sawan, Jeevanlal was eagerly waiting for his daughter’s arrival.
कमला की विदाई जिस कारण से नहीं होती, उसी कारण से जीवनलाल की बेटी गौरी की भी विदा नहीं हुई। तभी उनको शराफ़त, इनसानियत आदि चीज़ें याद आती हैं। उन्हें गहरी चोट लगती है। इसी चोट का परिणाम उनका मन परिवर्तन है। वे मानते हैं कि बेटी और बहू में भेद नहीं है । वे कमला को उसके भाई के साथ भेजते हैं।
The reason why Kamla’s farewell is not done, for the same reason Jeevanlal’s daughter Gauri is also not seen. Only then they remember things like decency, humanity etc. They get hurt deeply. The result of this injury is his change of mind. They believe that there is no difference between daughter and daughter-in-law. They send Kamala along with her brother.
2. राजेश्वरी (Rajeshwari)
राजेश्वरी ‘बहू की विदा‘ एकांकी का प्रमुख पात्र है । वह जीवनलाल की पत्नी और रमेश की माँ है। आम तौर पर सास अपनी बहू के विषय में काफ़ी कठोर रहा करती है। लेकिन राजेश्वरी इसका अपवाद है। राजेश्वरी ममता की मूर्ति है ।
Rajeshwari is the main character of the one-act play ‘Bahu Ki Vida’. She is the wife of Jeevanlal and mother of Ramesh. Generally the mother-in-law is very strict about her daughter-in-law. But Rajeshwari is an exception to this. Rajeshwari is the idol of affection.
हर माँ जानती है कि बहू भी किसी माँ की बेटी है। जैसे राजेश्वरी गौरी की राह देखती है वैसे ही कमला की माँ भी कमला की राह देख रही होगी। इसलिए वह प्रमोद को अपनी ओर से पाँच हज़ार देने को तैयार होती है।
Every mother knows that daughter-in-law is also a mother’s daughter. Like Rajeshwari is waiting for Gauri, similarly Kamla’s mother will also be waiting for Kamla. So she agrees to give five thousand to Pramod on her behalf.
राजेश्वरी अपने पति जीवनलाल के लालची स्वभाव को पसंद नहीं करती। अंत में जीवनलाल के मन में जो परिवर्तन होता है, उसका कारण राजेश्वरी ही है ।
Rajeshwari does not like the greedy nature of her husband Jeevanlal. In the end, Rajeshwari is the reason for the change in Jeevanlal’s mind.
III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए । (Answer the following questions in one or two sentences)
1. जीवनलाल ने कमला की विदा क्यों नहीं की ?
- दहेज की रकम पाँच हज़ार रुपये बाकी थी।इसलिए जीवनलाल ने कमला की विदा नहीं की।
1. Why didn’t Jeevan Lal bid farewell to Kamla?
The amount of dowry was five thousand rupees left. That’s why Jeevanlal did not bid farewell to Kamla.
2. कमला की सास राजेश्वरी कैसी औरत थी ?
- कमला की सास राजेश्वरी ममता की मूर्ति थी ।
2. What kind of woman was Kamla’s mother-in-law Rajeshwari?
Kamla’s mother-in-law Rajeshwari was the idol of Mamta.
3. कमला का पति रमेश कहाँ गया था ?
- कमला का पति रमेश अपनी बहन गौरी को पहले सावन पर ले आने गया था ।
3. Where did Kamla’s husband Ramesh go?
Kamla’s husband Ramesh had gone to bring his sister Gauri on the first day of Sawan.
4. जीवनलाल क्यों बेचैन हुए ?
- दहेज पूरा न देने के कारण गौरी की विदाई नहीं हुई। यह बात सुनकर जीवनलाल बेचैन हुए ।
4. Why did Jeevanlal get restless?
Due to non-payment of full dowry, Gauri’s farewell did not happen. Jeevan Lal became restless after hearing this.
Bahu Ki Vida Rashtrabhasha
IV. निम्नलिखित अवतरणों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए । (Explain the following passages in context)
1. मेरे नाम जो धब्बा लगा, मेरी शान को जो ठेस पहुँची, भरी बिरादरी में जो हँसी हुई, उस करारी चोट का घाव आज भी हरा है।
संदर्भ:- यह वाक्य ‘बहू की विदा‘ नामक एकांकी से दिया गया है। एकांकीकार श्री विनोद रस्तोगी हैं। प्रमोद जब अपनी बहन कमला को पहले सावन पर घर ले जाने आता है तब जीवनलाल प्रमोद से यह वाक्य कहते हैं ।
Context:- This sentence is given from the one act named ‘Bahu Ki Vida’. The artist is Shri Vinod Rastogi. When Pramod comes to take his sister Kamala home on the first day of Sawan, Jeevanlal says this sentence to Pramod.
व्याख्या:- जीवनलाल का विचार है कि कमला की शादी के समय बारातियों का उचित आदर नहीं हुआ। इस कारण उनकी बिरादरी में उनका अपमान हुआ । इस चोट को वे भूल नहीं सकते।
Explanation:- In Jeevanlal’s opinion during the time of Kamla’s marriage, the guests were not given proper respect. Because of this he was insulted in his community. He cannot forget this injury.
विशेषता: – इसमें जीवनलाल के लालची स्वभाव को दर्शाया गया है।
Specialties:- It depicts the greedy nature of Jeevanlal.
2. इन मोतियों का मूल्य समझनेवाला यहाँ कोई नहीं है। पानी से पत्थर नहीं पिघल सकता।
There is no one here who understands the value of these pearls. Stone cannot be melted by water.
संदर्भ:- ये वाक्य ‘बहू की विदा‘ नामक एकांकी से दिये गये हैं। एकांकीकार श्री विनोद रस्तोगी हैं। प्रमोद अपनी बहन कमला से इस तरह कहता है ।
Context:- These sentences have been given from the one act named ‘Bahu Ki Vida’. The artist is Shri Vinod Rastogi. Pramod tells his sister Kamla.
व्याख्या:- जीवनलाल कहते हैं कि दहेज की बाकी रकम पाँच हज़ार रुपये देने के बाद कमला को ले जाओ। यह सुनकर कमला रोती है। तब प्रमोद कहता है कि इन लोगों का मन पत्थर बन गया है। ये तुम्हारे आँसू जैसे मोतियों का महत्व नहीं जानते ।
Explanation:- Jeevanlal says that after giving the rest of the dowry amount of five thousand rupees, take Kamla. Kamla cries hearing this. Then Pramod says that the mind of these people has become stone. They do not know the importance of pearls like your tears.
विशेषता:- कठोर हृदयवालों में करुणा भाव दिखायी नहीं देता।उसका उल्लेख इसमें है।
Speciality: Stone hearted people don’t see compassion. This is mentioned in it.
3. माँ से झूठ बोलते हो ! मैं उन्हें अच्छी तरह जानती हूँ।इन्सान से ज़्यादा प्यारा उन्हें पैसा है।
You lie to your mother! I know them very well. They love money more than people.
संदर्भ:- ये वाक्य ‘बहू की विदा‘ नामक एकांकी से दिये गये हैं। एकांकीकार श्री विनोद रस्तोगी हैं। राजेश्वरी प्रमोद से इस तरह कहती है ।
Context:- These sentences have been given from the one act named ‘Bahu Ki Vida’. The artist is Shri Vinod Rastogi. Rajeshwari tells Pramod like this.
व्याख्या:- राजेश्वरी प्रमोद से पूछती है कि कमला की विदा के बारे में जीवनलाल ने क्या कहा । प्रमोद जवाब देने को हिचकता है, तो राजेश्वरी समझ लेती है । अपने पति की धन–लोलुपता वह अच्छी तरह जानती है। वह कहती है कि जीवनलाल इन्सान से उतना प्यार नहीं करते जितना पैसे से करते हैं।
Explanation:- Rajeshwari asks Pramod what Jeevanlal said about Kamla’s departure. When Pramod hesitates to answer, Rajeshwari understands. She knows very well the greediness of her husband. She says that Jeevanlal does not love humans as much as he loves money.
विशेषता:- इसमें राजेश्वरी के मातृहृदय एवं न्याय स्वभाव का परिचय मिलता है।
Speciality:- Rajeshwari’s maternal heart and justice nature is introduced in this.
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