Shikshak se Rashtrapati – शिक्षक से राष्ट्रपति

Shikshak se Rashtrapati

शिक्षक से राष्ट्रपति

Hello students I have shared Shikshak se Rashtrapati – शिक्षक से राष्ट्रपति  in hindi and english.

1. “राजेंद्र बाबू का आसन हमसे एक अँगुल ऊँचा ही रहेगा,” लेखिका ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर: लेखिका ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि राजेंद्र बाबू के व्यक्तित्व में एक गरिमा और ऊँचाई थी जो उनके आसन को दूसरों से ऊँचा बनाती थी। उनका आदर्श और आचरण उन्हें स्वाभाविक रूप से ऊँचा स्थान दिलाते थे।

1. Why did the author say, “Rajendra Babu’s seat will always be one inch higher than ours”?

Answer: The author said this because Rajendra Babu had a personality full of dignity and height, which naturally made his position higher than others. His ideals and conduct naturally gave him a higher status.

2. पाठ में ज़ाकिर साहब के कई गुणों की चर्चा की गई है। उनकी सूची बनाइए।

उत्तर:

  • सादगी
  • विनम्रता
  • कलाप्रियता
  • देशभक्ति
  • सेवाभाव 
  • सच्चाई
  • ईमानदारी
  • विद्या प्रेमी

2. The text discusses many qualities of Zakir Saheb. List them.

Answer:

  • Simplicity
  • Humility
  • Love for arts 
  • Patriotism
  • Service-mindedness
  • Truthfulness 
  • Honesty 
  • Love for knowledge

3. उन घटनाओं का उल्लेख कीजिए, जिनसे ज़ाकिर साहब की सहृदयता का पता चलता है।

उत्तर:

  • उपराष्ट्रपति निवास में माली के घर में कीर्तन हो रहा था, तो ज़ाकिर साहब वहां जाकर दरी पर बैठ गए और कहा, “भगवान के घर में सब बराबर होते हैं।”
  • जब माली की मृत्यु हो गई, तो अपनी पत्नी से उसके बारे में बातें करते हुए ज़ाकिर साहब रो पड़े।
  • राष्ट्रपति भवन में अपने पौधों की देखभाल करते हुए और उनकी विशेष पहचान रखते हुए, ज़ाकिर साहब की सहृदयता झलकती है।
  • गुरु गोबिंद सिंह के संस्थान की नींव रखते समय उन्होंने दरबार साहब की नींव रखने वाले मुसलमान का उल्लेख करते हुए कहा और भावुक हो गए।

3. Mention the incidents that show Zakir Saheb’s kindness.

Answer: 

When there was a kirtan in the gardener’s house at the Vice-President’s residence, Zakir Saheb sat on the mat and said, “In the house of God, everyone is equal.” – When the gardener passed away, Zakir Saheb cried while talking about him to his wife. – His kindness was evident when he took care of his plants and recognized each one at the President’s house. – During the foundation laying of Guru Gobind Singh’s institute, he mentioned the Muslim who laid the foundation of the Darbar Sahib and became emotional.

4. जाकिर साहब ने सबसे मूल्यवान पूँजी किसे कहा है और क्यों?

उत्तर: जाकिर साहब ने सबसे मूल्यवान पूँजी गांधी जी के विचारों और उनके कार्यों को कहा है क्योंकि वे मानते थे कि गांधी जी के विचार और उनकी शिक्षा हमारे देश की सबसे मूल्यवान पूँजी हैं, जिन्हें भूलना नहीं चाहिए।

4. What did Zakir Saheb consider the most valuable asset and why?

Answer: Zakir Saheb considered Gandhi Ji’s thoughts and actions as the most valuable asset because he believed that Gandhi Ji’s ideas and teachings were the most valuable asset of our country and should not be forgotten.

5. ज़ाकिर साहब के अनुसार गांधी जी हिंदी के पक्ष में क्यों थे?

उत्तर: ज़ाकिर साहब के अनुसार गांधी जी हिंदी के पक्ष में इसलिए थे क्योंकि वे मानते थे कि हिंदी एकता की भाषा हो सकती है जो विभिन्न भाषाओं वाले लोगों को जोड़ सकती है। गांधी जी ने यह देखा कि अंग्रेजी भाषा के माध्यम से केवल कुछ लोग ही जुड़ सकते हैं, जबकि हिंदी के माध्यम से पूरे देश में एकता लाई जा सकती है।

5. According to Zakir Saheb, why was Gandhi Ji in favor of Hindi?

Answer: According to Zakir Saheb, Gandhi Ji favored Hindi because he believed it could be a language of unity that could connect people who speak different languages. Gandhi Ji saw that only a few people could be connected through English, while Hindi could bring unity across the entire country.

6. राष्ट्रपति पद सँभालते हुए ज़ाकिर साहब ने क्या कहा था? पाठ से देखकर लिखिए।

उत्तर: राष्ट्रपति पद सँभालते हुए ज़ाकिर साहब ने कहा था, “सारा भारत मेरा घर है, मैं सच्ची लगन से इस घर को मज़बूत और सुंदर बनाने की कोशिश करूँगा ताकि यह मेरे महान देशवासियों का उपयुक्त घर हो, जिसमें इनसाफ़ और खुशहाली का अपना स्थान हो।”

6. What did Zakir Saheb say when he took over the presidency? Write from the text.

Answer: When he took over the presidency, Zakir Saheb said, “All of India is my home, I will sincerely try to make this home strong and beautiful so that it becomes a suitable home for my great countrymen, where justice and happiness have their place.”

7. जाकिर साहब के क्या-क्या शौक थे?

उत्तर: ज़ाकिर साहब के दो प्रमुख शौक थे:

  • मूल्यवान पत्थरों का संग्रह: उन्हें मूल्यवान पत्थरों का अध्ययन और संग्रह करना पसंद था।
  • बागवानी: वे बागवानी, खासकर गुलाबों की पहचान और उनकी देखभाल में रुचि रखते थे।

7. What were Zakir Sahib’s hobbies?

Answer: Zakir Sahib had two main hobbies:

  • Collecting valuable stones: He liked to study and collect valuable stones.
  • Gardening: He was interested in gardening, especially in identifying and caring for roses.