Aahavan – आह्‍वान

Aahavan – आह्‍वान

Hello students I have shared Aahavan -आह्‍वान  poem question answers in hindi and english.

1. कवि भाग्य की अपेक्षा पुरुषार्थ को महत्व क्यों देता है?

उत्तर: कवि भाग्य की अपेक्षा पुरुषार्थ को इसलिए महत्व देता है क्योंकि वह मानता है कि भाग्य पर निर्भर रहना निरर्थक है। कर्मशील व्यक्ति ही अपने पुरुषार्थ से सफलता प्राप्त कर सकता है। भाग्य का भरोसा छोड़कर, काम में लगना ही श्रेष्ठ मार्ग है।

1. Why does the poet give more importance to effort than to fate?

Answer: The poet gives more importance to effort than to fate because he believes that relying on fate is useless. Only a hard-working person can achieve success through their own effort. The best path is to leave behind the reliance on fate and engage in hard work.

2. कवि ने यह सूचना क्यों दी है कि जो लोग पीछे थे तुम्हारे, बढ़ गए हैं, बढ़ रहे?

उत्तर: कवि ने यह सूचना इसलिए दी है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जो लोग कर्मशील हैं, वे निरंतर प्रगति कर रहे हैं, जबकि जो लोग आलस्य में पड़े रहते हैं, वे पिछड़ जाते हैं। यह प्रेरणा देने के लिए है कि हमें कर्म करना चाहिए और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।

2. Why has the poet mentioned that those who were behind you have now moved ahead and are progressing?

Answer: The poet mentions this to highlight that those who are hardworking are continuously progressing, while those who remain lazy are left behind. This serves as motivation that we should also work hard and advance on the path of progress.

3. बनती नहीं क्या एक माला ____का दृष्टांत क्यों दिया गया है?

उत्तर: बनती नहीं क्या एक माला “विविध सुमनों” का दृष्टांत इसलिए दिया गया है ताकि यह बताया जा सके कि विभिन्नता में एकता संभव है। जैसे विभिन्न प्रकार के फूल मिलकर एक सुंदर माला बनाते हैं, वैसे ही विभिन्न सांप्रदायिक भेदों को भुलाकर हम एकता में बंध सकते हैं।

3. Why has the example of “a garland made of different flowers” been given?

Answer: The example of “a garland made of different flowers” has been given to show that unity is possible in diversity. Just as different types of flowers come together to form a beautiful garland, similarly, we can unite by forgetting communal differences.

4. ‘पाठ पौरुष का पढ़ो’ से क्या आशय है?

उत्तर: ‘पाठ पौरुष का पढ़ो’ का आशय है कि हमें अपने पुरुषार्थ, साहस और श्रम के महत्व को समझना चाहिए और उसे अपनाना चाहिए। यह प्रेरणा देता है कि हमें आलस्य छोड़कर कर्म में प्रवृत्त होना चाहिए।

4. What does “learn the lesson of courage” mean? “

Answer: Learn the lesson of courage” means we should understand and appreciate the importance of effort, bravery, and hard work. It encourages us to stop being lazy and start working hard.

5. कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।

उत्तर: कविता का प्रतिपाद्य है कि हमें भाग्य के भरोसे नहीं रहना चाहिए बल्कि अपने पुरुषार्थ और कर्म पर विश्वास करना चाहिए। हमें अपने आलस्य को छोड़कर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और देश की उन्नति में सहयोग करना चाहिए।

5. What is the main theme of the poem?

Answer: The main theme of the poem is that we should not rely on fate but instead have faith in our own effort and hard work. We should abandon laziness, fulfill our duties, and contribute to the progress of the nation.

6. यदि आपको आलसी मित्र को पत्र लिखना पड़े, तो कविता की कौन-सी पंक्तियाँ पत्र में लिखेंगे?

उत्तर: यदि आलसी मित्र को पत्र लिखना पड़े, तो कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पत्र में लिखेंगे:

  • बैठे हुए हो व्यर्थ क्यों? आगे बढ़ो, ऊँचे चढ़ो!
  • है भाग्य की क्या भावना, अब पाठ पौरुष का पढ़ो !

6. If you had to write a letter to a lazy friend, which lines from the poem would you include?

Answer: If I had to write a letter to a lazy friend, I would include the following lines from the poem:

  • Why are you sitting idle? Move ahead, climb higher!
  • What is this reliance on fate, now learn the lesson of manliness!

7. निम्नलिखित अर्थ-भाव वाली पंक्तियाँ कविता में से छाँटकर लिखिए-

क. तेल के बिना दीपक प्रकाश नहीं देता। श्रम के बिना भाग्य भी साथ नहीं देता।

उत्तर:

  • पर कर्म-तैल बिना कभी विधि-दीप जल सकता नहीं,
  • है दैव क्या? साँचे बिना कुछ आप ढल सकता नहीं।।

7. Find and write the lines from the poem that convey the following meanings:

(a) A lamp does not give light without oil. Similarly, fate does not support without hard work.

Answer:

  • But without the oil of hard work, the lamp of fate cannot be lit,
  • What is fate? Without the mold, nothing can shape itself.

ख. भाग्य कुछ नहीं, जब तक हमारे हाथ में-साथ में कर्म रूपी साँचा नहीं होगा।

उत्तर: है दैव क्या? साँचे बिना कुछ आप ढल सकता नहीं।।

(b) Fate is nothing, as long as we do not have the mold of hard work in our hands.

Answer: What is fate? Without the mold, nothing can shape itself.

ग. आओ, हम सब छोटे-बड़े, जाति धर्म का भेद भुलाकर एक साथ रहें।

उत्तर:

  • आओ, मिलें सब देश-बांधव हार बनकर देश के,
  • साधक बनें सब प्रेम से सुख-शांतिमय उद्देश्य के।

(c) Come, let us all, big and small, forget the differences of caste and religion and stay together.

Answer:

  • Come, let all countrymen unite like a garland for the nation,
  • Let us all become practitioners of love, aiming for happiness and peace.