1. दो मित्रों के बीच पिकनिक की तैयारी पर संवाद (A Dialogue Between Two Friends About a Picnic)
राजू – अरे दीपक ! तुम कैसे हो ? Raju: Hey Deepak! How are you?
दीपक – मैं अच्छा हूँ दोस्त, तुम कैसे हो ? Deepak: I am good, friend. How are you?
राजू – मैं भी अच्छा हूँ। क्या तुमने पिकनिक पर जाने की पूरी तैयारी कर ली है? Raju: I’m good too. Have you finished your preparations for the picnic?
दीपक – हाँ बिल्कुल, जैसा कि टीचर जी ने बताया था मैंने सब तैयारी कर ली है। Deepak: Yes, absolutely! I have prepared everything as the teacher instructed.
राजू – तुम अपने साथ क्या क्या ले जा रहे हो ? Raju: What are you taking with you?
दीपक – मैं अपने साथ खाने की वस्तुएँ, पानी की बोतल, चटाई और कैमरा लेकर जाऊँगा। Deepak: I will take food items, a water bottle, a mat, and a camera with me.
राजू – टीचर जी ने मुझे फर्स्ट एड बॉक्स और गर्म पानी की बोतल भी लेने को कहा है। Raju: The teacher also told me to bring a first aid box and a hot water bottle.
दीपक – हाँ दोस्त, मोहन और शिवानी कह रहे थे कि वह बहुत अच्छे-अच्छे पकवान लेकर चलेंगे। Deepak: Yes, friend. Mohan and Shivani said they would bring some delicious dishes.
राजू – अरे वाह ! फिर तो खूब मज़ा आएगा। Raju: Wow! It will be so much fun then.
2. माँ एवं पुत्री के बीच संवाद (A Dialogue Between Mother and Daughter)
पुत्री – माँ, आज हमारी हिंदी की अध्यापिका ने एक बहुत अच्छी कहानी सुनाई। Daughter: Mom, today our Hindi teacher told us a wonderful story.
माँ – कहानी का शीर्षक क्या था? Mother: What was the title of the story?
पुत्री – सब्र का फल मीठा। Daughter: “The Fruit of Patience is Sweet.”
माँ – पुत्री, क्या तुमने कहानी ध्यानपूर्वक सुनी? Mother: Did you listen to the story carefully?
पुत्री – हाँ ! माँ। Daughter: Yes, Mom!
माँ – पुत्री, उससे आपको क्या शिक्षा मिली? Mother: What lesson did you learn from it?
पुत्री – हमें कभी भी कोई कार्य जल्दी में नहीं करना चाहिए। सोच-समझकर किया गया कार्य ही सफलता तक पहुँचाता है। Daughter: We should never rush while doing any task. A well-thought-out task leads to success.