Natak Mein Natak
नाटक में नाटक
Hello students I have shared Natak Mein Natak (नाटक में नाटक) question answer in hindi and english.
1. राकेश ने नाटक में स्वयं अभिनय क्यों नहीं किया ?
राकेश के हाथ में फुटबॉल खेलते समय चोट लगी थी। उसे पट्टी के द्वारा अपना हाथ गर्दन के सहारे लटकाए रखना पड़ता था, इसलिए वह स्वयं अभिनय नहीं कर रहा था।
1. Why didn’t Rakesh act in the play himself ?
Rakesh hurt his hand while playing football. He had to wear a bandage and sling his arm around his neck, so he couldn’t act in the play.
2. राकेश के साथी अभिनय के मामले में कैसे थे ?
राकेश के साथी अभिनय के मामले में नए, अनुभवहीन और बुद्धू थे। वे तनिक-सी बात पर लड़ने लगते थे।
2. How were Rakesh’s companion in acting ?
Rakesh’s companions were new, inexperienced, and foolish in acting. They would start fighting over small things.
3. राकेश ने प्रदर्शन के दिन सभी को खास-खास हिदायतें फिर से क्यों दीं?
राकेश ने प्रदर्शन के दिन सभी को खास-खास हिदायतें फिर से इसलिए दीं, ताकि सभी अच्छी तरह अभिनय करें और अपना-अपना पार्ट सही ढंग से अदा करें।
3. Why did Rakesh give special instructions again on the day of the performance?
Rakesh gave special instructions again on the day of the performance to ensure everyone acted well and performed their parts correctly.
4. राकेश ने नाटक को किस प्रकार सँभाला ?
राकेश ने नाटक को रिहर्सल बताया और कहा कि यदि तुमसे गलती हो गई थी, तो वहीं से फिर रिहर्सल शुरू कर देते। चलो अब रिहर्सल फिर से शुरू करते हैं। इस प्रकार उसने नाटक को सँभाल लिया।
4. How did Rakesh manage the play ?
Rakesh treated the play as a rehearsal, telling everyone that if they made a mistake, they would start the rehearsal again from that point. This way, he managed the play.
5. इस कहानी के लिए कोई अन्य शीर्षक बताते हुए उसके चुनाव का कारण भी बताइए।
कहानी के लिए एक अन्य शीर्षक है-राकेश की बुद्धिमानी। मैंने वह शीर्षक इसलिए चुना क्योंकि राकेश अभिनय करने की स्थिति में न होने पर भी मंच पर गया और अपनी बुद्धिमानी से बिगड़े नाटक को सँभाल लिया।
5. Suggest another title for this story and explain why you chose it.
Another title for the story could be “Rakesh’s Wisdom.” I chose this title because, even though Rakesh was unable to act, he went on stage and managed to handle the failing play with his wisdom.