Safalta Ki Triveni – सफलता की त्रिवेणी

Safalta Ki Triveni

सफलता की त्रिवेणी

 Hello students I have shared Safalta Ki Triveni (सफलता की त्रिवेणी)  story and question answers in hindi and english.

सफलता की त्रिवेणी (Safalta Ki Triveni)

जीवन में प्रत्येक व्यक्ति सफलता पाना चाहता है लेकिन सफलता सबको नहीं मिलती। इसके लिए कर्मशील होना पड़ता है। प्रस्तुत पाठ में लेखक ने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। आइए, पढ़ते हैं कौन-कौन-सी हैं वे बातें….

मेरे एक परिचित हैं, परम घनिष्ठ। बहुत दिनों से उन्हें देखता-परखता आया हूँ। उनकी योग्यता, उनकी कार्यपटुता और उनके चरित्र का कायल हूँ। अनेक महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट सेवाओं के बाद पैंसठ साल की उम्र में वे सेवामुक्त हुए हैं किंतु आज भी वे उतने ही सक्रिय, उतने ही सजग और उतने ही उत्साही हैं, जैसे भविष्य की ओर उन्मुख तीस-चालीस साल का युवक।

हाल ही में उनसे मिलने का संयोग हुआ। बातचीत के दौरान मैं उनसे पूछ बैठा, “धृष्टता क्षमा करेंगे, आपकी इन महती उपलब्धियों का रहस्य क्या है? जीवन से आपने क्या सीखा?”

प्रश्न सुनकर वे गंभीर-से हो गए। लगा, जैसे चिंतन-सागर में डुबकियाँ लगा रहे हों। फिर अपने को बटोरते हुए उन्होंने कहा, “ज़िंदगी में कामयाब होना कोई मुश्किल बात नहीं। यदि इनसान में प्रतिभा और परिश्रम है, तो सफलता उसे मिलेगी ही। हाँ, कुछ बातें ऐसी अवश्य हैं, जिन पर निरंतर ध्यान देते रहना चाहिए। उनके अभाव में सफलता प्राप्त नहीं होती।”

मेरी जानने की इच्छा बढ़ी। “वे कौन-सी बातें हैं?” मैंने विनम्रता से पूछा।

और फिर अनुभव-सागर से चुने गए मोतियों से भरी उनकी पिटारी जो खुली तो मोती-पर-मोती बिखरते रहे, इतने कि सँभालना भी मुश्किल हो गया।

उनमें से तीन बातें आज मन में रह-रहकर उभर रही हैं। उन्होंने कहा था, “जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए जो मूल आधार है. वह है स्वास्थ्य यानी तंदुरुस्ती। इसी पर सारी क्षमता, सारी सफलता निर्भर करती है। कोई कितना भी मेधावी क्यों न हो. यदि स्वास्थ्य ने साथ न दिया, तो प्रतिभासंपन्न होते हुए भी वह विशिष्ट नहीं बन पाएगा। मामूली प्रतिभा का स्वस्थ और सबल आदमी उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण कार्य कर सकेगा।”

मैंने पूछा, “तो स्वास्थ्य उत्तम कैसे रहे?”

“बस, थोड़ी सावधानी बरतें, स्वास्थ्य ठीक ही रहेगा।” उन्होंने छूटते ही उत्तर दिया।

आहार-विहार में संतुलन और नियमित व्यायाम। आहार उचित समय पर, उचित ढंग का, उचित मात्रा में हो। भूख लगे, तभी खाएँ किंतु सच्ची भूख। झूठी भूख नहीं। इस सिलसिले में उन्होंने मुगल सम्राट अकबर की मिसाल दी।

अकबर चौबीस घंटे में केवल एक बार भरपेट भोजन करते थे, और तभी, जब उन्हें सच्ची भूख लगती थी। उनकी फ़ुर्ती, उनकी सक्रिय़ता बहुत-कुछ इसी आदत के कारण थी। प्रायः हम निश्चित समय पर खाने बैठ जाते हैं, बिना यह सोचे कि शरीर को उस समय खाने की ज़रूरत है भी या नहीं। यदि हम भूख और भोजन का संबंध अच्छी तरह समझ लें, तो हमारे स्वास्थ्य की समस्या बहुत कुछ हल हो जाएगी।

अपनी आदतों को भी हम यथासंभव अच्छी रखें। सोने-जागने, नित्यकर्म आदि में नियमितता बरतें। सांसारिक सुखों का उपभोग करें किंतु संतुलन खोकर नहीं। आहार-विहार बिगाड़ देने से ही रोग होते हैं और उनको ठीक रखने से रोग स्वयं दूर हो जाते हैं।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार-विहार में संतुलन तो होना ही चाहिए, साथ ही हमें अपनी रुचि और सामर्थ्य के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम भी करना चाहिए। लोग इस विषय में समय की कमी की शिकायत अकसर करते हैं किंतु यह बात जँचती नहीं। ऐसी बातों से हम अपने को फुसलाते ही हैं, अपना हित हरगिज़ नहीं करते।

स्वर्गीय पं. नेहरू यदि अपने व्यस्त जीवन में प्रातःकाल कुछ समय दैनिक व्यायाम के लिए निकाल सकते थे, तो हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? पंद्रह-बीस मिनट सुबह खुली हवा में किया गया व्यायाम आगे चलकर उसी तरह फल देता है, जैसे बीमे के लिए दी गई किश्त !

वे कहते जा रहे थे, “स्वास्थ्य के साथ सफलता प्राप्ति में प्रार्थना का भी बड़ा महत्व है। हृदय से की गई सच्ची प्रार्थना कभी बेकार नहीं जाती। वह मनुष्य “को मनचाहा फल देती है।” तभी तो गांधी जी प्रार्थना पर इतना बल देते थे। समर्पण की भावना से की गई प्रार्थना से एक अजीब शक्ति मिलती है। तनाव ढीले पड़ जाते हैं और जीवन में एक नई उमंग, नई आशा का संचार हो जाता है।

तीसरी बात है- जीवन के प्रति सही और स्वस्थ दृष्टिकोण की। सुख-दुख, सफलता-विफलता, चढ़ाव-उतार तो जिंदगी में आते ही रहते हैं। यह तो विधि का विधान है। किंतु यदि कठिन परिस्थितियों में भी हम अपना दृष्टिकोण संतुलित रखें, तो विफलता भी सफलता के रंग में रंग जाती है। तुनकमिजाज़ी इनसान उदासी के क्षणों में यह बात भूल जाता है, फलतः वह अपनी खुद की जिंदगी को तो दूभर बना ही लेता है, सहयोगियों और परिवारवालों को भी इसका परिणाम भुगतना पड़ता है। इससे बात बनने की बजाय और बिगड़ती ही चली जाती है।

संक्षेप में, सुखी और सफल जीवन के लिए अच्छा स्वास्थ्य, हार्दिक प्रार्थना तथा संतुलित दृष्टिकोण – ये तीनों आवश्यक ही नहीं, अनिवार्य भी हैं। अनुभव-सागर के ये चुने मोती हम सबके लिए ‘पथ का दीप’ बन सकते हैं।

Triveni of Success

In life, everyone wants to achieve success, but not everyone gets it. To achieve success, one must be active. In this text, the author has shared some important points about how to achieve success in life. Let’s read what those points are…

I have a close acquaintance whom I’ve observed for many years. I admire his competence, capability, and character. After many significant and special services, he retired at the age of sixty-five, but he is still as active, alert, and enthusiastic as a young man in his thirties or forties looking towards the future.

Recently, I had the chance to meet him. During our conversation, I asked him, “Excuse my boldness, but what is the secret behind your great achievements? What have you learned from life?”

Hearing the question, he became thoughtful, as if diving into a sea of contemplation. Gathering his thoughts, he said, “Succeeding in life is not difficult. If a person has talent and diligence, success will surely come. Yes, there are certain things that one must continuously focus on. Without them, success cannot be achieved.”

My curiosity increased. “What are those things?” I asked politely.

Then, as he opened his chest of pearls gathered from the sea of experience, pearls kept falling out, so many that it became difficult to catch them all.

Three of these points keep coming to mind today. He had said, “The basic foundation for success in any area of life is health or well-being. All capability and all success depend on it. No matter how talented someone is, if they do not have good health, they will not be able to become distinguished. A person with modest talent but robust health can do much more important work.”

I asked, “So how can one maintain good health?”

“Just take some precautions, and health will be fine,” he answered immediately.

Balance in diet and regular exercise. The food should be right in timing, manner, and quantity. Eat only when truly hungry, not just out of habit. In this context, he gave the example of Emperor Akbar.

Akbar would eat a full meal only once in twenty-four hours, and only when he was truly hungry. His agility and activity were largely due to this habit. Often, we sit down to eat at a set time without considering whether our body needs food at that time or not. If we understand the relationship between hunger and food well, many of our health problems would be solved.

We should also keep our habits as good as possible. Maintain regularity in sleeping, waking, and daily routines. Enjoy worldly pleasures but do not lose balance. Diseases occur when our lifestyle is disrupted, and by maintaining a good lifestyle, diseases will naturally stay away.

For good health, balance in diet and lifestyle is essential, and we should also exercise regularly according to our interest and capacity. People often complain about lack of time, but this excuse does not hold up. Such excuses only deceive us, they do not benefit us.

If the late Pt. Nehru could find some time for daily exercise in his busy life, why can’t we? Fifteen to twenty minutes of exercise in the fresh air in the morning pays off just like an insurance premium!

He continued, “In achieving success, prayer also plays a significant role. A heartfelt prayer never goes in vain. It gives exactly what a person desires.” That’s why Gandhi Ji emphasized so much on prayer. A prayer made with a spirit of surrender provides a unique strength. It eases tensions and infuses life with new enthusiasm and hope.

The third point is – having the right and healthy attitude towards life. Ups and downs, successes and failures are all part of life. That’s the law of nature. But if we keep our perspective balanced even in difficult situations, then failure too can be colored with success. A temperamental person forgets this in moments of sadness, thereby making his own life difficult, and even those around him suffer the consequences. Instead of solving problems, it only makes them worse.

In summary, for a happy and successful life, good health, heartfelt prayer, and a balanced attitude are not just essential, they are also mandatory. These pearls of experience can be the ‘lamp on the path’ for all of us.

Safalta Ki Triveni Question Answers

1. पाठ में प्रार्थना का क्या महत्व बताया गया है? तीन पंक्तियों में लिखिए।

उत्तर:

  • पाठ में प्रार्थना का महत्व इस प्रकार बताया गया है कि हृदय से की गई सच्ची प्रार्थना कभी बेकार नहीं जाती और यह मनुष्य को मनचाहा फल देती है।
  • प्रार्थना से व्यक्ति को एक अजीब शक्ति मिलती है, तनाव ढीले पड़ जाते हैं और जीवन में नई उमंग तथा नई आशा का संचार होता है।

1. What is the importance of prayer mentioned in the text? Write in three lines.

  • The text explains that a heartfelt prayer never goes in vain and it grants people the outcomes they deeply desire.
  • Prayer gives individuals a unique strength, releases stress, and brings new enthusiasm and hope into life.

2. तीसरा मोती कौन-सा है? जीवन पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर:

  • तीसरा मोती जीवन के प्रति सही और स्वस्थ दृष्टिकोण है।
  • इसका प्रभाव यह पड़ता है कि सुख-दुख और सफलता-विफलता में भी अगर हमारा दृष्टिकोण संतुलित रहे, तो विफलता भी सफलता के रंग में रंग जाती है और जीवन सुखमय हो जाता है।

2. What is the third pearl? What impact does it have on life?

  • The third pearl is having a correct and healthy perspective towards life.
  • Its impact is such that if we maintain a balanced outlook through joys and sorrows, successes and failures, even failures can be transformed into successes, making life more joyful.

3. सफलता पाने के लिए उत्तम स्वास्थ्य आवश्यक है- अपने मित्र को पत्र लिखकर बताइए ?

उत्तर:

प्रिय मित्र,

नमस्कार!

आशा है कि तुम स्वस्थ और खुशहाल होगे। आज मैं तुम्हें उत्तम स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बताना चाहता हूँ क्योंकि सफलता पाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। एक स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन में उच्च उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है। स्वास्थ्य यदि उत्तम नहीं है तो किसी भी क्षेत्र में सफलता की संभावना कम हो जाती है। इसलिए हमें नियमित व्यायाम करना चाहिए, संतुलित आहार लेना चाहिए और स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। उम्मीद है कि तुम भी इसे महत्व दोगे और एक स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर होगे।

अपना ख्याल रखना।

तुम्हारा मित्र,

[तुम्हारा नाम]

3. Write a letter to a friend explaining why good health is necessary for success.

Dear Friend,

Hello!

I hope you are healthy and happy. Today, I want to tell you about the importance of good health for achieving success. Only a healthy person can achieve high accomplishments in life. If health is not good, the chances of success in any field decrease. Therefore, we should exercise regularly, eat a balanced diet, and maintain a healthy lifestyle. I hope you will also see the importance of this and strive towards a healthier life.

Take care,

Your friend, [Your Name]

4. ‘पहला सुख निरोगी काया’ विषय पर पाठ के आधार पर एक अनुच्छेद लिखिए।

उत्तर:

  • ‘पहला सुख निरोगी काया’ यह कहावत सदियों से हमारे समाज में प्रचलित है और इसका महत्व आज भी उतना ही है।
  • पाठ से स्पष्ट होता है कि अच्छे स्वास्थ्य के बिना जीवन में सफलता पाना कठिन है।
  • उत्तम स्वास्थ्य न केवल हमें शारीरिक रूप से सक्रिय रखता है बल्कि मानसिक रूप से भी संतुलित बनाता है।
  • इसके लिए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और सकारात्मक मानसिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
  • जब हमारी काया निरोगी होती है, तब हम हर प्रकार के जीवन के उतार-चढ़ाव का सामना करने में सक्षम होते हैं और जीवन में खुशियाँ बढ़ जाती हैं।

4. Write a paragraph on the topic “The first happiness is a disease-free body” based on the text.

  • “The first happiness is a disease-free body” is a saying that has been prevalent in our society for centuries and is still significant today.
  • The text clearly shows that without good health, it is difficult to achieve success in life.
  • Good health not only keeps us physically active but also mentally balanced.
  • To maintain this, we should exercise regularly, eat a balanced diet, and adopt a positive mental attitude.
  • When our body is free from illness, we are capable of handling all the ups and downs of life, which increases happiness in our lives.